MA Semester-1 Home Science Paper-I - Advanced Nutrition And Institutional Management - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2693
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।

उत्तर -

भोजन प्रबन्ध सेवा के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं-

(1) कैफेटेरिया सेवा (Cafeteria Service) - ये शैली थाली या तश्तरी व्यवस्था पर निर्भर है। पूर्ण भोजन थाली या तश्तरी में परोसा जाता है। कैफेटेरिया सेवा मंन बैठने और खड़े होने का इंतजाम भी होता है। इनको दो प्रकार से वर्गीकृत किया गया है- (i) ट्रेड सेवा (Trayed Serivce), (II) प्लेटेड सेवा (Plated Service)

(i) ट्रेड सेवा (Trayed Service) - यह भोजन परोसने का बहुत ही साधारण तरीका है। सामान्यतः यह रेल व विमानों में सेवा में लाया जाता है। अधिक मात्रा में भोजन को ट्रे (Tray) या ट्राली (Trolley's) में लाकर उपभोक्ता को उसके रूचि के अनुसार दिया जाता है।

विदेशों में ट्रे (Tray) शैली को अधिकतर अस्पतालों में प्रयोग में लाते हैं। भारत में अस्पतालों में रसोईकर्मी, ट्राली में भोजन को रोगी तक पहुँचाता है। अस्पतालों, सड़क के किनारे कैफेटेरिया या रेस्तराँ में इस प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

(II) प्लेटेड सेवा (Plated Service) - इसमें भोजन को एक जगह रखते हैं जहाँ पर उपभोक्ता स्वयं आकर अपनी जरूरत के हिसाब से भोजन को लेते हैं। इसमें टोकन प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। उपभोक्ता भोजन के क्रय के अनुसार कूपन लेता है उसके पश्चात् कूपन दिखाकर भोजन को लेता है।

(2) अस्पताल सेवा (Hospital Service) - भोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था के प्रबन्ध के लिए अस्पतालों में भी कैटरिंग सेवा शुरू की गई है। अस्पताल में रोगियों की संख्या तथा रोग के प्रकार के आधार पर रोगियों के लिए भोजन व्यवस्था का प्रबन्ध किया जाता है। इसके अतिरिक्त रोगियों के साथ आने वाले रिश्तेदारों के लिए भी भोजन की व्यवस्था की आवश्यकता होती है। अधिकांश अस्पतालों के द्वारा भी इस सेवा का प्रबन्ध किया जाता है। बड़े अस्पतालों में रोगियों के भोजन की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन करता है और रोगियों के बिल के साथ इस सेवा की कीमत भी वसूल कर ली जाती है। ऐसी स्थिति में रोगी के लिए पूरे दिन के आहार की व्यवस्था की जाती है। प्रातः काल दूध, दलिया तथा फल, दोपहर के भोजन में सादा दाल, चावल, रोटी तथा हरी सब्जी और रात्रि भोजन में सब्जी रोटी की व्यवस्था की जाती है। अस्पताल का भोजन सादा होता है, उसमें नमक, मिर्च-मसाला, मसाला, अधिक तला-भुना नहीं होता है। भोजन सादा तथा सात्विक होता है। भोजन को इस प्रकार पकाया जाता है जिससे उसके पौष्टिक तत्व कम-से-कम नष्ट हो। भोजन हल्का तथा कम वसा में पका होता है। अस्पताल का भोजन स्वच्छ रीतियों से पकाया जाता है तथा यह सन्तुलित पौष्टिक होता है।

(3) भोजन विक्रेता की सेवा (Vendor Service) -गर्म भोजन परोसने की यह बहुत प्राचीन शैली है। इसमें भोजन विक्रेता अपने घर से भोजन बनाकर लाते हैं फिर उसे बस, स्टेशन, सड़कों पर बेचते हैं। इस समय चलती-फिरती दुकानें भी प्रयोग में आ गयी हैं जो कि एक जगह से दूसरी जगह जाकर भोजन बेचती हैं। विक्रेता कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स आदि पेय पदार्थ, कई तरीकों के नाश्ते जैसे- नमकीन, समोसा, नमक पारा, पकौड़ी, सैण्डविच आदि सड़क के किनारे, अस्पतालों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, हवाई अड्डों आदि स्थानों पर बेचता है।

भारत में यह भोजन प्रबन्धन की सबसे सस्ती व आसान शैली है। अधिकतर जिनके पास रोजगार नहीं होता है वे इस शैली को अपनाते हैं।

चलती-फिरती भोजन की सेवा (Mobile Catering) - पिछले कुछ वर्षों से मोबाइल सेवा प्रचलन में आ गयी है जिसमें भोजन की वैन (Vans) बाजारों में, शिक्षण संस्थानों के बाहर, अस्पतालों के बाहर, सड़क के किनारे खड़ी रहती हैं। इसमें सभी प्रकार का भोजन मिलता है। इनका एक दाम और कम खर्च वाला भोजन रहता है।

(4) स्वयं सेवा (Self Service) - विस्तृत समूहों के लिए आहार का प्रबन्धन करने के लिए अधिकतर होटलों या व्यावसायिक लोगों की सहायता ली जाती है। परन्तु छोटी पार्टियों का आयोजन लोग स्वयं भी कर लेते हैं। इसमें भोजन व्यवस्था, घर की सजावट तथा भोजन परोसने एवं टेबल तथा कुर्सियों की व्यवस्था स्वयं ही देखनी पड़ती है। अधिकतर जन्मदिन पार्टी, विवाह की वर्षगाँठ तथा त्यौहारों पर दी गयी पार्टियाँ गृहिणी की देख-रेख में ही सम्पन्न होती हैं।

स्वयं सेवा के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-

(i) बच्चों के जन्मदिन की पार्टी की यदि व्यवस्था कर रहें हैं तो घर की सजावट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए रंगीन कागज, झालर, गुब्बारे, बर्थ-डे पोस्टर्स आदि का उपयोग करना चाहिए। यदि बड़ों के किसी अवसर जैसे वैवाहिक वर्षगाँठ आदि की व्यवस्था कर रहे हैं तो सजावट कुछ कम करनी चाहिए। शादी की व्यवस्था करने में सजावट व्यावसायिक व्यक्तियों को सौंप देनी चाहिए।

(II) बच्चों के लिए क्राकरी, कागज, रंगीन प्लास्टिक या मेम्मोवेअर की लेनी चाहिए। रंगीन प्लास्टिक के कप तथा प्लेट एवं गिलास पार्टी को आकर्षक बना देते हैं, साथ में टूटने का भी डर नहीं रहता है। बड़ों के लिए अनौपचारिक पार्टियाँ, मित्रों, परिचितों तथा सम्बन्धियों के बीच होती है। वहाँ पर काँच एवं चीनी मिट्टी की बनी प्लेटों एवं पानी पीने के लिए प्लास्टिक के डिस्पोजल गिलासों की व्यवस्था करनी चाहिए। डिस्पोजल गिलासों को धोने की जरूरत नहीं पड़ती और पार्टियों में बच्चों की दृष्टि में यह उत्तम रहते हैं।

(III) बच्चों के जन्मदिन आदि पर मीनू ऐसा होना चाहिए जिससे बच्चों के हाथ तथा पोशाक खराब न हो। मीनू में गीली रसेदार चीजें नहीं होनी चाहिए।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
  2. प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  6. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  7. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  8. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  9. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
  11. प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
  12. प्रश्न- भोजन क्या है?
  13. प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
  14. प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
  15. प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
  16. प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
  17. प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
  18. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
  19. प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
  20. प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
  21. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
  22. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
  23. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
  24. प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
  25. प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
  26. प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  27. प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
  28. प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
  29. प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
  30. प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
  31. प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
  32. प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
  34. प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
  35. प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
  36. प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
  37. प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
  38. प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
  40. प्रश्न- विटामिन
  41. प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
  43. प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
  44. प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
  45. प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
  46. प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
  47. प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
  50. प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
  51. प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
  52. प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
  53. प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
  54. प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
  55. प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
  57. प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
  58. प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
  59. प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  60. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
  61. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  62. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  63. प्रश्न-
  64. प्रश्न-
  65. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  66. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  67. प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
  68. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  69. प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
  70. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
  74. प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
  76. प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  78. प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  79. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  81. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  82. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  83. प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  85. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
  86. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
  87. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  89. प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
  90. प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
  91. प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
  92. प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
  93. प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
  94. प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
  95. प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
  96. प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
  97. प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
  98. प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
  100. प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
  101. प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
  102. प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
  103. प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
  104. प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
  105. प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।

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